गर चूक गए हैं हम अपने लक्ष्य से, पर तनिक नहीं घबराना है, करते रहना सतत अनुसंधान, अपने लक्ष्य को हमें खुद पाना है। हमारी ज़िन्दगी में भी अनेकों बार, ऐसे अवसर अक्सर आते हैं, दृष्टि दोष या भ्रम की स्थिति से, अपने लक्ष्य से भटक जाते हैं। निराशा होती है दिल में, ज़िन्दगी में हम हताश भी हो जाते हैं, कुछ और नहीं सूझता है हमें, हठात हम गलत कदम उठाते हैं। करते रहना है निरंतर प्रयास, हमें निराश नहीं होना चाहिए, लक्ष्य प्राप्ति हेतु एकलव्य सा, श्रद्धा और विश्वास होना चाहिए। 👉 ये हमारे द्वारा आयोजित प्रतियोगिता संख्या - 21. है, आप सब को दिए गए शीर्षक के साथ Collab करना है..! 👉 आप अपनी रचनाओं को आठ पंक्तियों (8) में लिखें..! 👉Collab करने के बाद Comment box में Done जरूर लिखें,और Comment box में अनुचित शब्दों का प्रयोग न करें..! 👉 प्रतियोगिता में भाग लेने की अंतिम समय सीमा कल सुबह 11 बजे तक की है..!