आओ के रंगों सुखुनत घोले आओ के चांदनी को फिर टटोले आओ के शब भर बातें करें आओ के चाँद से रुसवाई करे आओ के जख्म भर गए सारे आओ के मरहम का जहर लगाये आओ के दिल मे सैलाब उठाये आओ के आँशु की बरसात करे आओ की तुम्हारी लटों से फिर खेले आओ की इस बदन की आग में हम तड़पे आओ के हिना का रंग निचोड़े आओ के हाथों में फिर इसे सजाए आओ के क्लब के अलगाव को शांत करे आओ के खामोशी से गुफ्तगू करे आओ के तुमसे इश्क़ चाँद सा करे आओ के तुम बेवफ़ाई के लिए बस जिस्म जी भर गया अब आओ के अब तुमसे वफ़ा की बात करे आओ के मोहब्बत अपनी जाननशी करे आओ के इश्क़ हक़ीक़ी अब करे #Love #sagar✍️ #sagarpoetry #sagaroza #sagarozashayari