हे उपवन के पुष्प लताओ महका दो इन फ़िज़ाओं को।। कलरव करते ,पंख पखेरू सुरमई कर दो हवाओं को।। आज घटाएँ,उमड रहीं है । बरसने को आसमान में । आज ह्रदय के पुष्प बिछा दो। शहीदों के सम्मान में ।। ©Balram Gehlot शहीद समरसता मिशन #roseday