Nojoto: Largest Storytelling Platform

रोज़ वो मिलने के सिलसिले बंधी है , यादों की गठरी म

रोज़ वो मिलने के सिलसिले बंधी है , यादों की गठरी में,
यार अब तलक दिल अटका वो नरेंद्र चाय की टपरी में ।

इंतज़ार अपने चाय की , करते बड़े , बेसब्री में ,
यार अब तलक दिल अटका है , वो नरेंद्र चाय की टपरी में ।

समय वो शाम का , बड़ा याद आता है ,
वो चाय बहुत ग़ज़ब थी , अभी तक स्वाद आता है । 

सबसे अच्छी चाय की है वही जगह शिवपुर नगरी में, 
यार अब तलक दिल अटका है , वो नरेंद्र चाय की टपरी में ।

सब मिल कर ठहाके लगाते दिल पे बड़ा काबू था, 
वो नरेंद्र भैया के हाथों में बड़ा कमाल का जादू था ।

जमाबड़ा दोस्तो का रहता था पुनीत, शुभम की पान की गुमठी में,
यार अब तलक दिल अटका है , वो नरेंद्र चाय की टपरी में । honey
रोज़ वो मिलने के सिलसिले बंधी है , यादों की गठरी में,
यार अब तलक दिल अटका वो नरेंद्र चाय की टपरी में ।

इंतज़ार अपने चाय की , करते बड़े , बेसब्री में ,
यार अब तलक दिल अटका है , वो नरेंद्र चाय की टपरी में ।

समय वो शाम का , बड़ा याद आता है ,
वो चाय बहुत ग़ज़ब थी , अभी तक स्वाद आता है । 

सबसे अच्छी चाय की है वही जगह शिवपुर नगरी में, 
यार अब तलक दिल अटका है , वो नरेंद्र चाय की टपरी में ।

सब मिल कर ठहाके लगाते दिल पे बड़ा काबू था, 
वो नरेंद्र भैया के हाथों में बड़ा कमाल का जादू था ।

जमाबड़ा दोस्तो का रहता था पुनीत, शुभम की पान की गुमठी में,
यार अब तलक दिल अटका है , वो नरेंद्र चाय की टपरी में । honey