सही है या गलत,निर्णय कहां से लाऊँगा,सच मैं क्या बतलाऊँगा! झूठ सही मीठा होगा होंठो से लगा लूंगा क्या,सच कैसे छिपाऊँगा!! तुम ही कह दो क्या होगा,इस राहों मे सच का निर्णय कहां होगा! सच ही है इससे पहले भी हुआ होगा,फिर मैं खुद कैसे मनाऊँगा!! दूर-दूर अँधेरा क्यों है,लगता तो है सच की बातें कही छिपा हुआ! सच की बातें क्या है अब तक बिका हुआ,मैं यह क्या दिखलाऊँगा!! वो बोला तो बोला सच करवा होता है,अब बोलो तुम कहोगे कैसे! सच बातें तो सच है तुम चुप रहोगे कैसे,मैं तो चुप नहीं रह पाऊँगा!! कहीं सच छुप ही ना जाए,आओ निर्णय के बल इसे आज तो खोजो! कोई तो सच की प्रवल बेग को रोको,मैं इसे तो रोक ना पाऊँगा!! सही है या गलत