जो सीतारा ग़िरताब-ए-आसमान में रहा, टूटा नहीं वो जाने कीस ग़ुमान में रहा। पहले अंधेरे से दिल्लगी कर ली फिर, साया-ए-निजात के अरमान में रहा। ❤❤❤😊✌ #rubaai😊❤---- #read #nojotomumbai😊😉😉✌❤