मुबारक... कभी शरारा, वह दुल्हन का लिबास, फिर कभी गाऊन में इठलाती हुई, कभी घूंघट में मुखड़ा ढका हुआ, पर वह शर्मीली मुस्कान झलकाती हुई, देखा है हर मज़हब को, अलग अलग लिबासों और रिवाजों में, वही शादी का जश्न मनाते, इन्सान को जब साथ मिलता है किसी का, नूर चेहरों पर सबकी, एक समान दिखती है यारों, फिर चाहे ईद हो, क्रिसमस या दिवाली, रोशन सभी की वह शाम, ही होती है यारों।। #ईद_मुबारक #godisone #yqbaba #yqdidi