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साहब ने कहा ' अतिथि विद्वान बोझ के रूप में मुझे पि

साहब ने कहा ' अतिथि विद्वान बोझ के रूप में मुझे पिछली सरकार से मिले थे '
 भगवान न करे, सबसे बड़ा बोझ तो होता है 'कमल' के कंधे पर 'नकुल' की लाश
विश्वास न हो तो  काव्यांश के अतिथि विद्वान पिता राजकुमार से पूछ लो,जिन्हें आपने इतना बड़ा बोझ उठाने पर मजबूर कर दिया
😢कफन जितना छोटा होता है जनाज़ा उतना ही भारी होता है😢 अतिथि विद्वान
साहब ने कहा ' अतिथि विद्वान बोझ के रूप में मुझे पिछली सरकार से मिले थे '
 भगवान न करे, सबसे बड़ा बोझ तो होता है 'कमल' के कंधे पर 'नकुल' की लाश
विश्वास न हो तो  काव्यांश के अतिथि विद्वान पिता राजकुमार से पूछ लो,जिन्हें आपने इतना बड़ा बोझ उठाने पर मजबूर कर दिया
😢कफन जितना छोटा होता है जनाज़ा उतना ही भारी होता है😢 अतिथि विद्वान