अपनी क़लम से "कलाम" हुए, हमारे हिन्दोस्तां में कुछ ऐसे भी काम हुए॥ *सीख* क्यों हारता है तू मन से, एक दिन तू ही इस मन को हराएगा तू उठ और चल एक लक्ष्य की तरफ, एक दिन तेरे पीछे "हिमांश" काफ़िला खड़ा हो जाएगा॥ (एक आज़ाद और अमर व्यक्तित्व के व्यक्ति "कलाम" साहब को मेरा कोटि-कोटि नमन है) ©Himanshu Tomar #सीख #कलाम #कलम #हिन्दोस्तां #apjabdulkalam