Nojoto: Largest Storytelling Platform

मैंने चांद को रोते देखा.. अक्स उसे देख कर .. न प्र

मैंने चांद को रोते देखा..
अक्स उसे देख कर ..
न प्रेमिका , न किसी का मुखरा दिखता है..
क्यों कि.... विमुख गगन में  ठहरे  हुए हैं.. 
क्यों कि...धरातल पर आने की अनुमति नहीं है

©Dev Rishi
   गम भरी शायरी
devrishidevta6297

Dev Rishi

Bronze Star
New Creator
streak icon33

गम भरी शायरी

153 Views