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सुनहरे जुल्फों की छाया है सर्वोत्कृष्ट जिसकी काया

सुनहरे जुल्फों की छाया है 
सर्वोत्कृष्ट जिसकी काया है 
जिनके नेत्रों में मानो समाया जग 
सारा है ,
वो मात्र एक हस्ती नहीं 
अंबर पर विराजित ध्रुव तारा है।
संपूर्णता की पूरक  
गुणों की भंडार  है।
कलित होती मधुबन जिन्हें अवलोकित कर 
वो अविरल बहती सरिता की धारा है 
वो मात्र एक हस्ती नहीं ,
अंबर पर विराजित ध्रुव तारा है ।

हर परिस्थितयों में  ढाल खुद को लेती है 
परेशानियां कितनी भी जटिल हो 
मुस्कान  नहीं खोती है ।
जिनके हिम्मत और विश्वास  से
कठिनतम समस्या भी हारा है 
वो मात्र एक हस्ती नहीं 
अंबर पर विराजित ध्रुव तारा है ।

सूर्य सा तेज है उसमे 
सोम सी कोमल है ।
उनसे रौशन ये जहां सारा है 
वो मात्र एक हस्ती नहीं ,
अंबर पर विराजित ध्रुव तारा है।

                      - उन्मुक्त अभि #kavita #dhruv #tara #sunahara
सुनहरे जुल्फों की छाया है 
सर्वोत्कृष्ट जिसकी काया है 
जिनके नेत्रों में मानो समाया जग 
सारा है ,
वो मात्र एक हस्ती नहीं 
अंबर पर विराजित ध्रुव तारा है।
संपूर्णता की पूरक  
गुणों की भंडार  है।
कलित होती मधुबन जिन्हें अवलोकित कर 
वो अविरल बहती सरिता की धारा है 
वो मात्र एक हस्ती नहीं ,
अंबर पर विराजित ध्रुव तारा है ।

हर परिस्थितयों में  ढाल खुद को लेती है 
परेशानियां कितनी भी जटिल हो 
मुस्कान  नहीं खोती है ।
जिनके हिम्मत और विश्वास  से
कठिनतम समस्या भी हारा है 
वो मात्र एक हस्ती नहीं 
अंबर पर विराजित ध्रुव तारा है ।

सूर्य सा तेज है उसमे 
सोम सी कोमल है ।
उनसे रौशन ये जहां सारा है 
वो मात्र एक हस्ती नहीं ,
अंबर पर विराजित ध्रुव तारा है।

                      - उन्मुक्त अभि #kavita #dhruv #tara #sunahara
unmuktabhi8632

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