योनि को पढ़ा लिखा हो या अनपढ़ इसने सबका दिमाग है , घुमाया पीर फ़कीर हो या साधु इससे कोई बचन पाया है..! योनि की भूख ने इंसान को इस कदर हैवान बनाया, कि अपनी ही बहन, बेटी में वो फ़र्क समझ न पाया है..! योनि के चक्कर में बड़े बड़ों ने अपना सब कुछ है गँवाया, आसाराम और राम रहीम व कबीर से शायद तु कुछ सीख न पाया है..! योनि एक मामूली से अंग को तूने इज्जत से जोड़ने का क्या अच्छा होंग रचाया, जब उसने नहीं मानी तुम्हारी बात तो उसके चरित्र पर सवाल उठाया है..! योनि शरीर के एक निचले अंग को लोगों ने सर माथे पर बैठाया, लड़कियों को हद में रहने को कहा पर उनकी इज्जत करना न सिखाया है..! योनि को देखने का शौक जिन लोगों पर है मंडराया, थोड़ा शांति से सोच ना तू भी तो इसी में से है आया है..! योनि अरे भाई, ये हर औरत के पास है बस इतनी बात तू समझ न पाया, खुद को रखकर देख उनकी जगह पर रोयेगा तू भी जैसे उसे है रुलाया है..! योनि इसकी हवस में दरिंदों ने बच्चियों तक को नोच खाया, मन भर जाने के बाद गला काटकर नाली में बहाया है.. 👉आर्य जी आज समाज का झूठा सम्मान बस इसी में है समाया, सबने नारी की गरिमा को जी भर के ठेस पहुंचाया है..! © Madhurm Arya #_New poetry #_Yoni_✍️ #_मधुरम_आर्य Neha Tiwari Hiyan Kiran Chopda Priya Mishra Sudha Tripathi POOJA UDESHI