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हर दिन कई बार तुझे खोता पाता हूं, खयालों की उधड़ ब

हर दिन कई बार तुझे खोता पाता हूं,
खयालों की उधड़ बुन में रोता मुस्कुराता हूं। 
सहूलियत यह है की जीने की ख्वाहिश है
वरना रोज अपना गला दबाता हूं,
मरता हूं नया जन्म पाता हूं 
हसता हूं गुम हो जाता हूं। 
बाजार में ही सो जाता हूं
अपने घर में भी खो जाता हूं
 तेरे जिक्र से ठहरता हूँ गुजर जाता हूँ

©AshuAkela
  #Likho अपनी कहानी में अकेला किरदार रहा
#Ashu #AkelaMann
ashuakela5416

AshuAkela

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