हो चाँद की सतह वो, या हो हमारा गुरूर। थोड़ी और रोशनी की, हमें चाहत है हुज़ूर। एक राह चल पड़े हैं, है चाल में सुरूर। जब आग वो लगेगी, ये होगा तो ज़रूर। फिर चाँद की सतह क्या, क्या अपना ही गुरूर? दोनों ही भस्म होंगे, नित जलेंगे ज़रूर। ©Sukhdev होनी है तो होगी ही। #Moon #moodymoon #bloodmoon #mymoon