Nojoto: Largest Storytelling Platform

1. रिद्धि सिद्धि सभ मोह है नाम न वस्य मन आये।।2.

1. रिद्धि सिद्धि सभ मोह है नाम न वस्य मन आये।।2.  रिध सिद्ध अवरा साध।।

अर्थ:- जो मन रिद्धि सिद्धि की अभिलाषा रखते हैं उनका परमात्मा से प्रेम टूट कर रिद्धि-सिद्धि से मोह हो जाता है और नाम=प्रकाश=परमेश्वर उन मनो को फिर विसर जाता है फिर कहते हैं न तपो राज राजो नर्क।। 2. जो रिद्धि-सिद्धि के लिए तप करते उन्हें प्रभु गुरबानी अनुसार अवरा साधू कहती है यानी प्रभु को छोड़ कर उनकी शक्ति रूपी दात से प्यार करने वाला साधक।।

©Biikrmjet Sing #रिद्धिसिद्धि
1. रिद्धि सिद्धि सभ मोह है नाम न वस्य मन आये।।2.  रिध सिद्ध अवरा साध।।

अर्थ:- जो मन रिद्धि सिद्धि की अभिलाषा रखते हैं उनका परमात्मा से प्रेम टूट कर रिद्धि-सिद्धि से मोह हो जाता है और नाम=प्रकाश=परमेश्वर उन मनो को फिर विसर जाता है फिर कहते हैं न तपो राज राजो नर्क।। 2. जो रिद्धि-सिद्धि के लिए तप करते उन्हें प्रभु गुरबानी अनुसार अवरा साधू कहती है यानी प्रभु को छोड़ कर उनकी शक्ति रूपी दात से प्यार करने वाला साधक।।

©Biikrmjet Sing #रिद्धिसिद्धि