प्रकृति तेरे कुकृत्यों पर कब तक शोक मनाएगी, हे मानव! पुनः भयंकर रूप धरेगी पुनः सबक सिखाएगी, हे मानव! फिर शिव शंकर का डमरू बाज़ेगा, जमकर तांडव होगा फिर। महादेव की तीसरी आंँख खुलेगी फिर से सुनामी आएगी, हे मानव! #प्रकृति #मानवताशर्मसार #प्रलय #त्रिनेत्रधारी #महादेव #मौर्यवंशी_मनीष_मन