बीत गया एक अरसा अपनी ख़्वाहिशों से रूबरू हुए चलो निखार लें अपनी ख़्वाहिशों के आईने के रूप की अदाओं को, लगती है कितनी दिलकश चलो आज फिर उनको जी लें,मर-मर के तो रोज जी लिए चलो थोड़ा अपनी ख़्वाहिशों के संग थोड़ा वक्त बिता लें, ग़मों के साये तले तो बहुत रो लिए चलो थोड़ा अपनी ख़्वाहिशों के संग भी मुस्करा लें,उम्र छोटी है और ज़िन्दगी बहुत लम्बी है चलो इस ज़िन्दगी को थोड़ा बड़ा बना लें, कल किसने देखा चलो आज को अपने अपनी ख़्वाहिशों की रूप की अदा को संवारकर ज़िन्दगी की जीने की वजह को आसान बना लें, ♥️ Challenge-856 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।