देखो चलते-चलते सवेरा हो गया रात बीती उन रास्तों में जिन रास्तों से कारवां निकला,,वो सुबह हल्की अंधेरी सी छू रही है हमको कानों में वो ठंडी हवा कह रही हमको,,झूम रही सारी फिजाएं और मस्ती में सफर चलता रहा,,, ये उम्र गुजर जाए जो उम्र जो बाकी है कहते दो ना जरा हंस के काहे की उदासी है OPEN FOR COLLAB✨ #ATjourneybgpic