पैग़ाम न जाने क्यो ये अटपटा सा ख्वाब आया है... जगाता था पहले भी रातों में अक्सर... पर इस बार जागना एक नया सबाब लाया है न जाने मुझे किसकी फ़िक्र होंने लगी है..... कोई है जो जिंदगी मे सुकून लाया है... और दिल के दरवाज़े पर दे रहा है, कोई दस्तक... शायद! फिर से यादो का पैग़ाम आया है..... ©Karanjeet Sawariyan #paigam #trendingnow #poem #Poetry #karanjeet_sawariyan #AWritersStory kavita ranjan