बनकर कली खिलती है फूल बहारों में दूर होकर एक तू दिखे हर नजारों में नही मुझको है तमन्ना तेरे सिवा धरा पर बनकर जिंदगी मेरी रहना लाखो हज़ारों में...।। #अंजलीश्रीवास्तव लाखों हज़ारों