प्रेम लगन कुछ ऐसी लगी सुध आपन ही बिसरा गई मीरा। दर्पण में जब देखी छवि तो छवि कान्हा की बता गई मीरा। जोग लगी कुछ ऐसी सखी कि जोग में भोग भुला गई मीरा। प्रेम की ज्योति जलाए हिय विष को ही अम्ब्र बना गई मीरा। ©Shilpi Singh #krishna #radha #bhajan