White समय अब शेष नहीं प्रतीक्षा करना व्यर्थ हैं ख़ुद को अब पहचान प्रकृति का ही तू अंश हैं कोई न अब रोक पायेगा कोई ना अब टिक पायेगा इस अज्ञात जगत में शूरवीर अब तू भी कहलायेगा चला शब्दों के बाण तू ऐसे निशब्द हो जाये ये संसार सहन शीलता हृदय में हो भले ही कोई लक्ष्य पूरा न हो कभी झुकना नहीं कभी रुकना नहीं कर डटकर सामना हर मुस्किल का तू मन के माया जाल में मत उलझा ख़ुद को कब तक रहेगा अनजान अब ख़ुद को पहचान ©Writer Mamta Ambedkar #love_shayari हिंदी कविता कविताएं कविता कोश प्रेम कविता प्रेरणादायी कविता हिंदी