गुलामी की बेड़ियाँ (अनुशीर्षक में पढ़ें) गुलामी की बेड़ियाँ ना डालो ख़ुद के पाँवों में तुम, गुलामी की बेड़ियाँ करो जो दिल करे तुम्हारा, ज़िंदगी जीने में ना करो तुम देरियाँ गुलामी इक बार स्वीकार कर ली तुमने,