हो जाते हो कभी खामोश सा तुम कभी यूहीं रूठ जाते हो अपने आप से क्या मर्म पाला है तुमने कभी सोचो तो खुद से मिल के एक राज़ बन गई तेरी वो मुस्कान जिसे खोजा करती थी बचपन में मां लौट आओ तुम वापस वहीं जहां होती थी अपनों से बात यूहीं नही हो तुम इतने गहरे सहे है तुमने कितनी लहरें थम जा ठहर जा तूं वापस आजा कर ले जीवन अपना आबाद वापस ला दो अपनी मुस्कान क्या तुम नही चाहते तुम्हारे जाने के बाद हर कोई रखे तुम्हे जीवन भर याद कर खुद को बुलंद ले खुद से सौगंध तोड़ उन बंदिशों को आज फिर से भर नई उड़ान खिला दो अपने रूठे चेहरे को ला दो वापस अपनी मुस्कान बन महान तूं बन महान।। #beagoodhuman