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बगिया में फूल खिल सके तो बहार ए जश्न जरूरी हैं, चा

बगिया में फूल खिल सके तो बहार ए जश्न जरूरी हैं,
चाहत में आज़ादी दो मगर थोड़ा फ़िक्र भी जरूरी हैं,

महबूब मेरा बच्चा सा......... ध्यान अपना रखता नहीं,
लबरेज़ चाहतों से जज्बाती दिल गुलामी भी जरूरी हैं,

पता है वो खाना नहीं खाता मेरे बिना प्यार जो‌ करता है,
पागल समझे ना मोहब्बत ठीक हैं पर खाना भी जरूरी हैं,

चाहत के पवित्र बंधन में बंधे हमारा पाक जनेऊ सा बंधन,
बिन मतलब के... जो बंध सके... वो विश्वास भी जरूरी हैं,

माना ....... आज-कल यह सब......... एक सपना है ' रोज़ी',
पर ख़्वाब  ऐसे  देखें जाएं ........ तो जीवन........ कस्तूरी हैं। ♥️ Challenge-626 #collabwithकोराकाग़ज़ 

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बगिया में फूल खिल सके तो बहार ए जश्न जरूरी हैं,
चाहत में आज़ादी दो मगर थोड़ा फ़िक्र भी जरूरी हैं,

महबूब मेरा बच्चा सा......... ध्यान अपना रखता नहीं,
लबरेज़ चाहतों से जज्बाती दिल गुलामी भी जरूरी हैं,

पता है वो खाना नहीं खाता मेरे बिना प्यार जो‌ करता है,
पागल समझे ना मोहब्बत ठीक हैं पर खाना भी जरूरी हैं,

चाहत के पवित्र बंधन में बंधे हमारा पाक जनेऊ सा बंधन,
बिन मतलब के... जो बंध सके... वो विश्वास भी जरूरी हैं,

माना ....... आज-कल यह सब......... एक सपना है ' रोज़ी',
पर ख़्वाब  ऐसे  देखें जाएं ........ तो जीवन........ कस्तूरी हैं। ♥️ Challenge-626 #collabwithकोराकाग़ज़ 

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mrsrosysumbriade8729

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