स्त्री एक शब्द में ही सम्पूर्ण संसार बसा है। ममता,प्यार,दुलार,आशीर्वाद,दया और करुणा सब कुछ समेटे हुए है। उसके आगे कुछ भी नहीं हैं। और उसके पीछे है ये सम्पूर्ण जगत, जीवन दायिनी है प्रकृति की तरह, स्नेह लुटाती है एक पिता की तरह, प्यार करती है एक दोस्त की तरह, देखभाल करती है एक मां की तरह, कितनी भूमिकाएं और कितना संक्षिप्त होती है वो कि पढ़ी ही नहीं जा सकती। जो दिमाग से पढ़ना चाहे तो। सच में स्त्री एक अनूठी उपहार है। जिसे स्वीकार करने में हमको धन्य महसूस करना चाहिए। ©Chanchal Hriday Pathak #स्त्री_सम्मान