किसान-मजदूर की ताकत जो मुंह में आए बकना मत पड़े हुए किस चक्कर में। बाकी सब तो सह लेंगे न आना किसान की टक्कर में। किसान मजदूरों ने ही तुमको आजादी दिलवाई थी। उनके बिना 1857 में तुमने मुंह की खाई थी। ©Vijay Vidrohi #किसान #किसान_की_व्यथा #India #New #poem #Poetry #Love #majdoor दीप बोधि