ग़ज़ल उसकी हर चाल, हर इक बात से डर लगता है ऐसे हालात हैं,हालात से डर लगता है जाने कब फूल में वो ख़त की जगह बम रख दे अब तो महबूब की सौगा़त से डर लगता है जाने कब आंख के आंसू ही जला दें मुझको अब मुझे मेरे ही जज़्बात से डर लगता है ©Waris Ansari se dar lagta hai... #OneSeason