चल छोड़ रिशु, इंसान गलतियों का ही तो पुतला है, वो भी इंसान ही है,भूल जा,उनको माफ कर दिया कर, माना कि नाम 'मासूमियत' है उनका,और काम "मुखबिरी" है, दे दिया कर खबरें अंदरूनी तलबगारों को,बेचारों का पेट भर दिया कर याद है,खुदा ने कहा है, किसी को दर से खाली हाथ नही भेजते, तू उन "बड़ो के हुजूम" की गर्दन झुका हामी भर दिया कर, छोड़ रिशु,अपने मे मस्त रहते हैं, तू गुमनामी में खुश रह, इबादत कर जितना बन सके,हो सके,मौका मिले तो उनकी तारीफ कर दिया कर #yqbhaijan #yqdidi #माफीनामा