तुम मिले गुलशन खिले साथ मे जो तुम चले सूखे पत्तों पे भी फूल खिले हम दोनों साथ ऐसे सागर से नदी आ मिले रूह में मेरे बस जाओ ऐसे सूखी जमीं को बरसात मिले