Nojoto: Largest Storytelling Platform

चहरा हसीन था भले फितरत अजीब थी जिस से निग

चहरा  हसीन  था  भले  फितरत   अजीब  थी
जिस  से  निगाह  मिल गयी उसके करीब  थी

हम  शे'र  लिख  के  भेजते  थे  इश्क़  में   उसे
नुक्ते   लगा   के   भेजती  लड़की  अदीब   थी

बेरोजगार   हो    भले     जीता    रहे    सुहाग
इद्दत  के  बाद  बिक  गयी  औरत   गरीब  थी

मैं रोज सोचता था  हुआ माज़ी  में क्या गलत
माज़ी  ने   आज  ये   कहा  तू   बदनसीब  थी

कर दी विदाई जो दिया आया था उसके साथ
बेटी  के  भाग  से   मिला  वो  खुशनसीब  थी

©DINESH SHARMA #इद्दत #औरत #इश्क़ #अदीब 

#WallPot
चहरा  हसीन  था  भले  फितरत   अजीब  थी
जिस  से  निगाह  मिल गयी उसके करीब  थी

हम  शे'र  लिख  के  भेजते  थे  इश्क़  में   उसे
नुक्ते   लगा   के   भेजती  लड़की  अदीब   थी

बेरोजगार   हो    भले     जीता    रहे    सुहाग
इद्दत  के  बाद  बिक  गयी  औरत   गरीब  थी

मैं रोज सोचता था  हुआ माज़ी  में क्या गलत
माज़ी  ने   आज  ये   कहा  तू   बदनसीब  थी

कर दी विदाई जो दिया आया था उसके साथ
बेटी  के  भाग  से   मिला  वो  खुशनसीब  थी

©DINESH SHARMA #इद्दत #औरत #इश्क़ #अदीब 

#WallPot