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✒️📇जीवन की पाठशाला 📖🖋️ जीवन चक्र ने मुझे सिखाया

✒️📇जीवन की पाठशाला 📖🖋️
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की वापिस लौटने की उम्मीद उसकी होती है जो कहीं खो गया हो ,जो पूरी तरह बदल ही गया हो वहां उम्मीद की आस बेकार है ...,

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की आँखों में आंसू उसी के आते हैं जो रिश्तों की क़द्र करते हैं -महसूस करते हैं वर्ना मतलब के लिए रिश्ता रखने वालों की आँखों में ना तो शर्म होती है और ना ही पानी ...,

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की रास्ते की फिक्र वो करते हैं जिन्हें हमसफ़र पर यकीन नहीं ,जिन्हें हमसफ़र पर पूर्ण विश्वास है वो कठिन से कठिन -गलत से गलत रस्ते को आसानी से संगसाथ पार कर जाते हैं ...,

आखिर में कल पढते पढ़ते कुछ अच्छा लगा ,सोचा आपके साथ साझा करूँ :-
तुमने कहा था की हम एक ही हैं 
-तो अपने बराबर कर दो ना ,
नैप्पी जब मैं बदलती हूँ 
-तुम दूध की बोतल भर दो ना , 

बस यूँ हीं एक- एक हैं कह कर 
-कहाँ जिंदगी चलती है ,
कभी तुम भी सिर दबा दो मेरा 
-ये कमीं भी खलती है ,
जब भी मैं ऑफिस जाती हूँ 
-तुम भी घर को संवार दो ना ,
तुमने कहा था की हम एक ही हैं 
-तो अपने बराबर कर दो ना ,

आओ पास बैठो कुछ बातें करें 
-कभी दिल के जख्मों को भर दो ना ,
-क्यों कहना भी पड़ता है ये 
-तुम अहसासों को समझों ना ,
-मत करो वादे आने वाले जन्मों के -इस पल तो एक ख़ुशी दो ना ,
-कभी बाज़ारों से ध्यान हटे 
-तो इस मकान को भी घर कर दो ना ,
-तुमने ही कहा था हम एक ही हैं 
-तो अपने बराबर कर दो ना ...!

बाक़ी कल , अपनी दुआओं में याद रखियेगा 🙏सावधान रहिये-सुरक्षित रहिये ,अपना और अपनों का ध्यान रखिये ,संकट अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क 😷 है जरुरी ...!
🌹सुप्रभात🙏 
स्वरचित एवं स्वमौलिक 
"🔱विकास शर्मा'शिवाया '"🔱
जयपुर-राजस्थान

©Vikas Sharma Shivaaya' बराबर
✒️📇जीवन की पाठशाला 📖🖋️
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की वापिस लौटने की उम्मीद उसकी होती है जो कहीं खो गया हो ,जो पूरी तरह बदल ही गया हो वहां उम्मीद की आस बेकार है ...,

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की आँखों में आंसू उसी के आते हैं जो रिश्तों की क़द्र करते हैं -महसूस करते हैं वर्ना मतलब के लिए रिश्ता रखने वालों की आँखों में ना तो शर्म होती है और ना ही पानी ...,

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की रास्ते की फिक्र वो करते हैं जिन्हें हमसफ़र पर यकीन नहीं ,जिन्हें हमसफ़र पर पूर्ण विश्वास है वो कठिन से कठिन -गलत से गलत रस्ते को आसानी से संगसाथ पार कर जाते हैं ...,

आखिर में कल पढते पढ़ते कुछ अच्छा लगा ,सोचा आपके साथ साझा करूँ :-
तुमने कहा था की हम एक ही हैं 
-तो अपने बराबर कर दो ना ,
नैप्पी जब मैं बदलती हूँ 
-तुम दूध की बोतल भर दो ना , 

बस यूँ हीं एक- एक हैं कह कर 
-कहाँ जिंदगी चलती है ,
कभी तुम भी सिर दबा दो मेरा 
-ये कमीं भी खलती है ,
जब भी मैं ऑफिस जाती हूँ 
-तुम भी घर को संवार दो ना ,
तुमने कहा था की हम एक ही हैं 
-तो अपने बराबर कर दो ना ,

आओ पास बैठो कुछ बातें करें 
-कभी दिल के जख्मों को भर दो ना ,
-क्यों कहना भी पड़ता है ये 
-तुम अहसासों को समझों ना ,
-मत करो वादे आने वाले जन्मों के -इस पल तो एक ख़ुशी दो ना ,
-कभी बाज़ारों से ध्यान हटे 
-तो इस मकान को भी घर कर दो ना ,
-तुमने ही कहा था हम एक ही हैं 
-तो अपने बराबर कर दो ना ...!

बाक़ी कल , अपनी दुआओं में याद रखियेगा 🙏सावधान रहिये-सुरक्षित रहिये ,अपना और अपनों का ध्यान रखिये ,संकट अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क 😷 है जरुरी ...!
🌹सुप्रभात🙏 
स्वरचित एवं स्वमौलिक 
"🔱विकास शर्मा'शिवाया '"🔱
जयपुर-राजस्थान

©Vikas Sharma Shivaaya' बराबर