नही मिलाना चाहा कायनात ने हमे शायद चाहा तो हमने भी तुम्हें बहुत सिद्दत से था।। क्या हुआ जो मुकम्मल नही हुई चाहते हमारी हमारे जर्रे जर्रे मे नाम तो बस तुम्हारा ही था।।। ~simran #river #mukkmal