हंसी आती नहीं अब आंख से आंसू छलकते हैं, गमों के रात दिन दिल में मेरे अंगार जलते हैं। पराए हो गए अपने गमों का देखकर सागर, नफ़रत आज कल अपने पराए सारे करते हैं। बुरा गर वक्त हो कोई न किसी का साथ देता है, छोड़ते वो भी हैं जिन्हें हम अक्सर खाश कहते हैं। बुरा तो मैं नहीं बुरा तो केवल वक्त है मेरा, बुरे दिन तो सभी की जिंदगी में आते रहते हैं #मौर्यवंशी_मनीष_मन #बुरावक्त #पराए_लोग