वह मनुष्य तो जीवित रहने पर भी मरा हुआ ही है, जो अत्यंत क्रूरता का व्यवहार करता है। उसकी मृत्यु के बाद लोग उसे गाली देते हैं। इतना ही नहीं वह देहाभिमानियों के योग्य घोर नरक में भी अवश्य अवश्य जाता है।। - श्रीमद्भागवत पुराण १०/२/२२ #धर्म क्रूरता करना दुष्ट स्वभाव का परिचायक है।