ऐ जिंदगी! एे जिंदगी! तू अपना मुकाम बता दे, मंजिल न सही कोई राह गुजर ही मिला दे.. कहीं तेज धूप में तपती कहीं शाम के इंतजार में है तू, कभी बिन वजह हंसती रहती कभी हंसते हंसते रोती है तू, क्या है तेरा इरादा या तेरा पता बता दे ऐ जिंदगी ! तू अपना मुकाम बता दे... किसी के अल्फाजों में है कैद तो कहीं किताबों में दफन है तू, किसी फकीर के झोले में कभी, कभी सिग्नल पर हाथ फैलाए है तू, क्या है तेरा फ़साना या तेरा मकसद बता दे, एे जिंदगी ! तू अपना मुकाम बता दे... तन्हा रातो में कागज कलम सी कभी कभी कागजों में कोरेपन की सुगंध है तू , बिना खत का लिफाफा बतौर है जैसे टुकड़ों-टुकड़ों में बिखरी बेहिसाब सी है तू, कहां है तेरी मंजिल या तेरा आशियाना बता दे, ऐ जिंदगी ! तू अपना मुकाम बता दे.. मंजिल न सही कोई राहगुजर ही मिला दे!! #nojoto ऐ जिंदगी! एे जिंदगी! तू अपना मुकाम बता दे, मंजिल न सही कोई राह गुजर ही मिला दे.. कहीं तेज धूप में तपती