जन्मदिन के शुभ अवसर पर भेंट स्वरूप 108 पंक्तियों की यह अनिर्वचनीय व अनुपम कविता "Happy Birthday Dear Vanila" प्रखर जगती के हित अवकाश में, तिमिर अज के निमित आकाश में । पहर प्रगति के ऋत्य प्रकाश में, उदय रश्मि सवित निशि नाश में ।। अदिति हो तुम प्रथम भाति हो क्षिति के नय की,