मेरे ख़ुदा मुझें मेरा ख़ुदा नसीब कर मैं जिन्दा रह सकूँ इसलिए मेरे ख़ुदा को मेरे करीब कर मुझे गफ़लत नहीं है कि वो मोहब्बत नहीं करता मुझें तो यकीन है वो मुझसे ज्यादा वो नफरत नही करता एक कसम खाई थी हमने,उसे परेशान न करने की आज वो खाई हुई कसम बड़ी खाई बन गयी है तू तो जहां का मालिक है न तो मेरे उस मालिक से मुझे मिला उससे कहना कि मैं गुस्सा नही बस थोड़ी सी है उससे गिला बता देना उसे मै रात भर रोती हूँ ,सो जातीं हैं धड़कने मेरी मगर ये आंखें नही सोती हैं बोल दो कि अब आ भी जायें,बरसात भी आ गयी है लोगो पर तो ख़ुशी की पर नर्गिस पर गमी की बदली छा गयी है,, नर्गिस बेनूरी खज़ा बरसात आ गयी है