मुश्किल घड़ी और दोस्त कच्ची डोरियों से बँधी, अपनी ये पक्की यारियां, कभी ना टूटने वाली दिलों की ,ये नाज़ुक सी क्यारियाँ, मस्तीयों की कश्तियों में बहती है ये दोस्तियां, क्या कमियाँ, क्या खूबियाँ, सब कुछ भूल के, मौज ए दरिया सी बेपरवाह पागलपंतियां, ख़ुशियाँ बना दे त्योहार, हर मुश्किल करदे आसाँ, बिना किसी करार से वफ़ादारियाँ निभाती है, खून के रिश्तों से परे है ,ये दिलों की साझेदारियाँ। #BěětêLãmheîñ #Dìþtî #ख़्वाबीदा #Deepsss #December_Challenge_Day_5