"ज़िन्दगी के पलों को हमने लफ़्ज़ों में खूब बटोरा है , उन रूहानी एहसासों को हमने खूब टटोला है तेरे प्यार की गवाही देता है मेरा हर पल ओ सनम इन ओस की बूंदों ने उन पलकों को खूब भिगोया है बिखरे कागज़ पे सियाही से यह पैगाम लिखा है तुम हो तो लगता है जन्नत सा यह जहांन मेरा एक अधूरी कहानी जिसका राज़ बहुत गहरा है गन गुनाते है इस गीत को हम सदा सुबह शाम इन सुरमयी रातों को जैसे किसी ने छेड़ा है ज़िन्दगी के पलों को हमने लफ़्ज़ों में खूब बटोरा है शुक्र उस खुदा की सजदा फरमाया तुम्हे वरना इस जीवन के आईने में हमने कांच ही बटोरा है.." ©navroop singh #lafzon