कभी वो हम दोनों को मेले खूब घूमाती थी! कभी वो हम दोनों से खूब शरारत पाती थी। फिर भी कभी ना हम दोनों से वो घबराती थी, ना जाने क्यों आज वो हम सबको बोझ सी लगती जाती है, गलती उसकी इतनी है कि जन्म वो हमको दे गयी! हम कहते हैं भाई में रहलो,भाई कहता भाई में रहलो! फिर भी अभी भी कहती है,खुश रहना जीवन भर,यही दुआ कर जाती है।।। .......माँ माँ.....की व्याख्या नहीं होती..