कुछ बोलु तो बोलोगे , कितना बोलती हो । ख़ामोश रहू तो बोलोगे , क्या हुआ ? नाराज़ हो हमसे ? हाँसू तो बोलोगे , कितना हँसती हो । मुस्कुराऊँ बस तो बोलोगे , हँसना भी नहीं आता। घर मे रहू तो बोलोगे , सारा दिन घर में पड़ी रहती हो। बाहर जाओ तो बोलोगे , पंख निकल आये है क्या ज्यादा ? आवारा हो गयी हो । मेरा नोकरी करना तुमसे बर्दाश नही होता , और खर्चे मेरे तुम उठाते नहीं। प्यार तुमने कभी हमसे किया नहीं , और ज़िन्दगी को कभी खुलकर हमने जिया नहीं। अब बोलोगे तुम्हें ज़िन्दगी जीना कभी आया ही नहीं , तुम तो आज भी यही बोलोगे , जाने से पहले बताना तो था , आखिर मेरे प्यार में कमी क्या थी ? जो इन खुशी भरे लम्हों में भी तुमने , खुदखुशी कर ली ।।।।। #whatthehell