तेरा इंतज़ार जरा भी गुमान नहीं मुझे मेरी चाह पर.. मिलूंगा कभी मैं इक नई राह पर.. तू मस्त रह अपनी जिंदगानी में.. लिखता रहूंगा तुझे अपनी कहानी में.. तेरी ग़ज़लें महफ़िलों में सुना लूंगा.. रफ्ता रफ्ता इस दिल को समझा लूंगा.. शुक्रिया मुझे इस कदर आजमाया तूने.. दोस्ती को बखूबी ही निभाया तूने.. मुहब्बत में जाने और कितना छला जाऊंगा.. बेशक तुझसे मैं बड़ी दूर चला जाऊंगा.. गम-ए-जुदाई को मैं सहता रहूंगा..! मगर तेरा इंतज़ार हरपल करता रहूंगा..!! #intezar