#OpenPoetry राधा-कृष्ण नंद गाँव मे रसधार पले बरसाने में लाड़ो लाड़ पले होली में रंग यू छाल गया नंदगांव से मुरलीधर मथुरा चाल गया छल कपट प्राण जले बंसी धुंन पे गुज़री की जान चले माखन मटकी से धार चले पीछे पीछे नंदलाल चले प्रेम वैरागी हो गया कृष्ण-राधा भी जब ना मिले रुकमणी का संग थाम चले राधा के संग फिर भी नाम चले प्राण-प्रिये सब छूट गये इस जग के पालनहारी के कुछ प्राण अटूट बंधन है कुछ बंधन है ज़िमेदारी के। अलविदा, #OpenPoetry #nojoto#nojotoaudio#nojotovideo#nojtoohindi#poetry#seher#shayari#dard#prem #aakhripost #alwida