रोज डे, किस डे की मृगतृष्णा से, निकल आने की हिम्मत है सख्ती !! बजरंग दल के त्याग, समर्पण की राह पे चल पाने की चाहत है सख्ती !! उसके शरारती होठों से ध्यान अपना हटा सको, तो सख़्त हो तुम !! कमसिन मुस्कान से उसकी, खुद को बचा सको, तो सख़्त हो तुम !! तुम्हारी नसों में लाबालब बहता हुआ, बजरंग दल का खून ही, सख्ती है !! ब्रह्मचर्य की कठिन कसौटी पे, खरे उतरने का जुनून ही, सख्ती है !! पार्क, गली, मोहल्ले के नुक्कड़ पे, कपल्स को ठोक देना ही, सख्ती है !! प्यार और मोहब्बत जैसी माया को, संस्कार अग्नि में झोंक देना ही, सख्ती है !! है सख़्त वही लौंडा, जो चिकनी चमेली पे एक पल एक क्षण भी, फिसला ना हो !! है सख़्त वही लौंडा, शीला की जवानी पे एक पल एक क्षण भी, मचला ना हो !! देशसेवा को तत्पर, संस्कार एवम् शिष्टाचार से बना जिसका रक्त है !! कसम खाता हूँ, केसरी नंदन की, वही बस, वही लौंडा सख़्त है !! 🤪🤪 #valentineday #14feb #roseday #sakhtlaunda #sakhtlonda #14feb #14february #poem #hindipoem