मत रोको मुझे आगे बढ़ना है बस करो अब नहीं पढ़ना है मुझे अलग मत करो अपने से,मैं भी तुम जैसा हूँ मत चिढ़ाओ मुझे कि मैं कैसा हूँ अपनाओ मुझे मैं भी दोस्त बनना चाहता हूँ अपने बारे में सबको बताना चाहता हूँ तुम मत दो ध्यान मुझ पर,पर मेरा ध्यान तो मत भटकाओ मुझे अपनाओ मुझे अपनाओ मत करो घृणा मुझसे मैं इसका पात्र नहीं हूँ इंसान मैं भी हूँ कोई काल्पनिक पात्र नहीं हूँ माना पढ़ने में कमजोर हूँ, पर दिमाग मेरा भी तुम जैसा है मत हंसो मुझ पर कहकर,ये कैसा है ये कैसा है मैं जब भी अक्षर देखूं ये नाचते हैं सब मुझको ही क्यों डांटते हैं? मैं भी चाहता हूँ पहचान बनाना पर सब मुझको औरों से कम आंकते हैं कोई देखो कभी मेरी योग्यता को मैं कुछ और भी कर सकता हूँ #learningdisability #nojotohindi #nojoto #poem