भगवान श्री कृष्ण के पावन दर्शन पर एक छंद सादर समर्पित देख मथुरा की गलियन की न्यारी छवि, मन हरि प्रीति के दरस कौ लुभात है, श्याम-श्याम बोलै हर एक नर-नारी वहाँ, मानौ बोल बंशी के सबहि कौ सुनात है, पावन दरश करि देखि द्वारिका को धाम, यमुना मैं निर्मल नीर ही बहात है, ऐसी छवि श्याम सुंदर की बनी है लट, भौंहें तिरछी करि मुरली बजात हैं।