बहती हुई दरिया के किनारे पर नज़र रखता हूँ रातों में बहती हुई घटाओं पे नज़र रखता हूँ तुम तो कहती थी सितारों में मिल जाऊंगी तुम्हें एक उम्र से सितारों की गर्दिश पे नज़र रखता हूँ ✍️अली "अल्फ़ाज़" #अलीअल्फ़ाज़