बेटी .... पुरानी रीति चलती आई, हुआ बेटा रोशनी आई, बेटी का तिरस्कार किया, बेटों का सत्कार किया, बेटू से वंश बढ़ते आया, बस यही बात जग ने अपनाया, बेटी ने क्या पाप किया, बेटो को से सिहासन दे दिया, बेटो से ना सुख,शांति मिली, फिर बेटी की याद आई, बेटे को सर पर बैठाया क्यों? अब काहे पछताए,तू? बेटी तो जन्नत से आई, सुख,शांति, समृद्धि लाए | save girls......save life.... shalinee rahangdale ..😊😊