चाँद को चाँदनी केहते,हुस्न को शबाब केहते है और ये ज़माना क्या चीज़ है मोहब्बत भी झुक जाए जिसके सामने ये मेरे दोस्त उस लफ्ज़ को दोस्ती केहते है #friends